बूढ़े मां-बाप की लाठी
मूलचन्द क्या हुआ ? अस्पताल कैसे आना हुआ। तबियत तो ठीक ?
धूलचन्द अच्छा मजाक कर लेते हो ? किसी कामेडी शो मे क्यों नहीं किस्मत अजमाते,बुढौती अच्छी से कट जायेगी मूलचन्द बोला ।
सलाह के लिए धन्यवाद दोस्त, तुमने मेरी प्रतिभा को पहचाना। खैर सब छोड़ो और ये क्या हुआ? सेहत का इतना ख्याल रखते हो,इसके भी अस्पताल धूलचन्द बोला।
पारिवारिक कलह का इलाज खोजते-खोजते खुद मरीज बनता जा रहा हूँ।
तुम्हारा शिक्षित परिवार है। कोई नासमझ लोग तो नहीं कि तुम्हारे दर्द को कोई नहीं समझता धूलचन्द बोला।
परिवार मे नये सदस्य ने प्रवेश करते ही सारी मर्यादायें लाघ दी है।
बहू की बात कर रहे हो क्या धूलचन्द बोला ?
दोस्त बिल्कुल सही समझे। बहू आते ही परिवार को तोड़ना शुरू कर दी।भाई को भाई, भाई को बहन से,बेटा को मां-बाप से परिवार से किसी से न बात करने देती,न मिलने देती, उसके लिये मां-बाप और भाई बहनों के अलावा कोई प्यारा नहीं है पति भी नहीं।
बहू मां-बाप के सपने साकार कर रही है धूलचन्द बोला।
यही समझ लो दोस्त पौत्र पैदा हुए बरसों बित गए,बच्चे से मिलने की इच्छा अधूरी है,पौत्र के जन्मदिन में शामिल होना दूर की बात है। बहू ने तो बेटे का सुख छिन कर अपने बाप खाली तिजोरी मे कैद कर दिया था और अब पौत्र सुख भी मूलचन्द बोला ।
खुशियां बाटने वाली की झोली खाली है हांफते हुए धूलचन्द बोला।
लोग कितने स्वार्थी हो गए हैं, कुछ ब्याह से पहले लड़के की कमाई पूछते हैं इसलिए कि उनकी बेटी दमाद की कमाई पर आश्रित रहे मूलचन्द बोला।
और अब देखो कुछ तो इतने गिरते जा रहे हैं कि लड़के की कमाई तो पूछते ही हैं परन्तु ब्याह होते ही लड़के के बूढे मां-बाप की लाठी छिनने मे भी नहीं शर्माते धूलचन्द बोला ।
16/04/2022
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