डाँ नन्द लाल ’ भारती ’
हे दीप मालिके तेरा स्वागत,
अभिनंदन
तेरी आगवानी में बिछी पलकें ,
तेरा वंदन।
अपनी जहाँ में बरसे खुशियाँ
हर घर आंगन,
दीनता हो कोसो दूर,
हर दिल बसे स्वर्णिम सद्भावना ,
जातिवाद अ ब ना
समता की उपजे हर दिल सदभावना ,
दुनिया जाने
जातिवाद कुचला है मनोकामना,
दीप मालिके मिट जाए
अपनी जहां से हर तम,
अपनी जहॉ में दीप मालिके,
तेरा आना मंगलमय हो ,
तेरा अभिनंदन दीप मालिके
पूरी होवे मनोकामना।
= दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं =
हे दीप मालिके ना अन्धेरा हो अब कोई
समता-सद्भावना की मशाल थामे हर कोई।
स्नेह के स्रोत,मन कि बगिया हो बाग़-बाग़
भेदभाव ना,ना हो अपनी जहा में द्वेष राग ।
हर घर-अंगना बसे खुशहाली वैभव हो भरपूर,
शोषित का हो विकास दींन-दरिद्रता हो दूर।
अमन शांति विकास दिन दूनी रात चौगुनी हो
हे दीप मालिके तेरा आना मंगलमय हो ……
= दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं =
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