गीत-सुमिरन
माई समारीदेवी तू सुती गइलू
इक्कीस नवम्बर 2001 के दिनवा तान के सुहाग के चुनरिया ना हो ।
फिरतूबाबू बीस मार्च 2021 के दिनवा
तान लेहनै चिरनिद्रा कै चदरिया ना हो ।।
समारीमाई फिरतूबाबू सुति गइलै
तान के चदरिया ना हो.......................
माई बाबू बरसै तोहार कृपा,
सजल रहे तोहरे श्रम कै शहनइया ना हो ।
चहुंओर गूंजै तोहरे कुटुमवा के विकास कै
बधइया ना हो ।।
समारीमाई फिरतूबाबू सुति गइलै
तान के चदरिया ना हो......................
माई बाबू आग गइला पाछ भरपूर बढ़इया ना हो
कुसुमित रहै माई बाबू तोहार बोवल फूलवरिया ना हो
समारीमाई फिरतूबाबू सुति गइलै
तान के चदरिया ना हो......................
घर अंगना बसै खुशहाली, बहै तरक्की कै बयरिया ना हो
मनवा हरषै अंखिया करैं सदा बसन्त कै दिदरवा ना हो
समारीमाई फिरतूबाबू सुति गइलै
तान के चदरिया ना हो......................
डां नन्द लाल भारती
कवि कथाकार/प्रशिक्षक
27/03/2021
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