नश्वर जीवन में ,
अन्धकार पर विजय पाए,
शुभ संकल्प वक्त के भाल ,
अमर हो जाए।
जीवन पवित्र ज्योति से ,
जग गमक जाए ,
तृष्णा की ना दरकार ,
सद्कर्म आकर पाए।
मन की मेल धुले,
आदमी को गले लगाए
गूंजे मैत्री का सन्देश ,
मानव धर्म हर्षाये।
शत्रुता के शोले ना ,
मानवता की ज्योति जलाये ,
बहुजन हिताय,
जीवन का उद्देश्य बन जाए।
करे प्रतिज्ञा,
मानव-कल्याण के काम आये ,
जीवन ज्योति से ,
उपजे उजियारा ,
धरा से अँधियारा मिट जाए।
डॉ नन्द लाल भारती
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