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खुशियों के दौर मे

 

Nandlal Bharati 

Fri, Feb 12, 5:28 PM (3 days ago)




to me 







खुशियों के दौर मे मुहब्बतों की बौछार
पग पग बाजै घुघुरूवा चले बसंत बयार
मुश्किलों के दौर में अपनों का हो साथ
उम्र को मिल जाता है सहारो का हाथ
त्याग के बदले घाव डर जाती कायनात
सुलगती सांसे कंधे पर सपनों की बारात ।
डां नन्द लाल भारती
28/01/2020

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