Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मजदूर दिवस

 

धनिखाओ तनिक करो विचार
मजदूर क्यों है विवश लाचार
मजदूर ना होता तो क्या होता
क्या ह्वाइट हाउस होता
क्या लालकिला क्या संसद होता
क्या गगन चुमती इमारतें
क्या कल कारखाने,खेती
क्या हाईवे, क्या रेलमार्ग होता
क्या दुनिया मुट्ठी मे होती
क्या कार्पोरेट का वैभव होता
क्या देश की मुद्रा दीवारों पर सजती
क्या कोई विकास होता
क्या मजदूरों के प्रति दायित्व धनिखाओ
अब तो करो विचार
मजदूर तंगी मे जीता बचवा
पेट मे भूख लिए सोता
अरे धनिखाओ याद करो
मजदूरों की कुर्बानी
मजदूरों का हो जहां रोशन
लिख दो ऐसी कहानी.....

 

 


डां. नन्द लाल भारती

 

 

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