माना कि आस्तिक हूँ ,
आस्तिक का वास्तविक क्या.......?
भय-भेद पक्षपात ,शोषण -उत्पीड़न,
गरीबी ,भूमिहीनता ,दरिद्रता
आरक्षण का भ्रमजाल ,
जातिवाद का सर्प दंश
सुलगता भाग्य ,
कुये का पानी था
पहले अपवित्र
हैंडपाईप का भी अब हुआ ,
आस्तिक होना क्या फला .......?
नास्तिक होना था भला
डॉ नन्द लाल भारती
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