Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मिस्टर कसाई

 

हेलो सुन रहे हैं।
हां सुन रहा हूँ कौन बोल रहे हैं।
नहीं पहचाने समधी को।
समधी का मतलब जानते हैं ?
आपके बेटे का ससुर और क्या ?
बेटे का ससुर हो सकते हैं पर मेरा समधी नहीं।
कैसी बात कर रहो समधी ?
कसाई को समधी कैसे कह दूं जो बुढापे की लाठी छिन लिया,जो बेटा मां बाप को धरती का भगवान,जो खानदान का गुमान था विद़ोही बना दिये।
बेटी दिया हूँ।
बेटी बहाने ना जाने क्या मेरे बेटा को खिलाकर मां बाप से रिश्ते नाते खत्म करवा दिये।सपने छिन लिए।सुख चैन छिन लिए। कैसे कसाई हो ? अब क्या चाहिए ? सब तो छिन लिए।
सुना था तबियत खराब है, हालचाल जानने के लिए फोन किया है।
ओह .....मिस्टर कसाई बेटा तो लूट ही लिए अब और कुछ लूटना बाकी है क्या देवधर बोले । बस क्या फोन बंद हो गया ?

 

 


डॉ नन्दलाल भारती

 

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