सुबह -सुबह परेशान लग रहे हो परेशानी का क्या कारण है भाई
मोबाईल
कैसे
मुझ बेकसूर के साथ सड़क हादसा होने से टल गया ।
अच्छी बात है पर कहां और कैसे जनाब
हजीरा हाइवे और पाटिया के तिराह पर बदमिजाज दूधवाला युवक मोबाईल पर बात कर ाहा था साईड भी नही दे रहा था। मैंने हार्न बजा दिया बस क्या वह हिंसक हो गया देख लेने की धमकी देने लगा।इतना ही नही वह मोटर साइकिल पर लदी दूध की टंकी गाड़ी के आगे फंसा दिया।
दूधवाले युवक की दबंगई तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटने वाली है।
जी दिखावा और महंगी मोबाईल का ‘ाौक युवाओं का हिंसक बना रहा है। कितनों का घर उजड़ गया। कितने बेकसूर बेमौत मारे गये पर वाहन चलाते वक्त मोबाईस से बात करने के ‘ाौक पर अंकुश नही लगा ।
अधिकतर सड़क हादसे लापरवाही से होते है। यहद चलते वाहन पर मोबाईल से बात करने वाले अपनी जिन्दगी अपने परिवार और राह चले बेकसूर लोगों की फिक्र करने लगे तो कई जिन्दगियां तबाह होने से बच सकती है।
काश स्व-विवके जाग जाता तो काफी हद तक सड़क हादसों पर विराम लग जाता सिद्धाथर्् बाबू बोले ।
जी बिल्कुल दुरूस्त फरमा रहे हैं। वैसे तो मैं वाहन चलाते वक्त मोबाईल पर बात नही करता फिर भी आज वाहन चलाते वक्त मोबाईल पर बात नहीं करने का संकल्प लेता हूं देवव्रत बोले ।
डां नन्दलाल भारती
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY