Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सवाल

 

लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष है,

कहने को अपना देश

लगता है तन्त्र और धर्म बचा है

शेष..........

असमानता का प्रदर्शन

आपने क्या ......?

कायनात ने खुली आंखों से देखा है

दलित राष्ट्रपति.....?

और अधिक कुछ देखना

ना पडे़ भगवान।

अब साधु सन्यासी भी

सुखभोग रहे हैं

शंकराचार्य जी ताड़ी ठोंक कर

खुद को देश के गौरव

राष्ट्रपति से उंचे ओहदेदार

कह रहे हैं ?

लोकतंत्र की छाती पर

गरम रेत डाल रहे हैं जैसे

देखो ना साहब अपनी जहां मे

प्रपंच हो रहे कैसे कैसे .....?

कैसे दे कोई आमजन

दिल को ढाढस......?

ज्वलंत है समस्या, कर रहे हैं सवाल लोग

कब और कैसे मिलेगी ?

सामाजिक और आर्थिक समानता

कब मिलेगा नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार

कब होगी हिन्दी राष्ट्रभाषा

कब होगा देशधर्म ?

कब होगा संविधान धर्मगर्न्थ

और भी बहुत हैं सवाल

साहब आमजन को है

जबाब की है आस

देश और संविधान मे विश्वास।

 

 

 

डॉ नन्दलाल भारती

 

 

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