सुलगते सवाल
देवनारायण बचपन से गम्भीर था। आठवीं कक्षा के बाद वह बम्बई काम की तलाश मे चला गया।
वह बम्बई मे किसी एक्सपोर्ट कम्पनी में सिलाई का काम करने लगा था । जीवन की गाड़ी मंथर गति से चल रही थी । इसी बीच गांव के ही दरदीप का ब्याह तय हो गया। देवनारायण जो मदद कर सकता था किया, इतना ही नहीं वह दरदीप को ट्रेन मे बिठाने भी गया ताकि वह सुरक्षित घर पहुंच जाये। उस वक्त गांव फोन से बहुत दूर थे बस चिट्ठी का सहारा होता था। निरापद देवनारायण की नेकी अपराध बन गयी ।
दरदीप गांव नहीं पहुंचा शादी की तारीख निकल गई। दरदीप के पिता गांव और बम्बई एक कर दिये पर दरदीप का कोई थाह पता नहीं चला।पुलिस की तहकीकात के अनुसार बम्बई से बनारस के बीच ना कोई डकैती हुई ना एक्सीडेंट। दरदीप को जमीन को खा गई या आसमान कुछ पता नहीं।
दरदीप के पिता की शक की सुई देवनारायण पर थम गईऔर पुलिस की भी । बचपन मे दरदीप ने देवनारायण का सिर फोड़ दिया था शायद तब देवनारायण ने कहा था कि खून का बदला लूंगा।
बचपन की इस नादानी को पुलिस ने देवनारायण को हत्या के आरोप मे जेल मे ठूंस दिया। पुलिस महीनों तक मार -मार कर जुर्म कबुलवाती रही पर वह कोई अपराध किया ही नहीं था तो कबूल कैसे करता ? पुलिस की मार से उसकी हड्डियां बोल गई कीडनी डैमेज हो गई। आखिरकार सालों तक तड़प कर जीया और एक दिन मर भी गया।
दरदीप के हत्या की फाईल पहले ही बन्द हो चुकी थी पर पुलिस की शक की सुई देवनारायण पर ऐसी टिकी कि दूसरे और सुराख टटोलना भूल गई। दरदीप के रहस्यमय तरीक़े से गायब होने की गुत्थी नहीं सुलझी । बेचारा निरपराध देवनारायण भी कई सुलगते सवाल छोड़ कर बेरहम दुनिया को अलविदा कह गया।
दीनानाथ इस सवाल का जबाब कौन देगा ?
रघुनाथ-सही जबाब तो दरदीप ही दे सकता था पर वह तो रहस्यमय तरीके से गायब हो गया । उसका अपहरण हो गया या बदमाशों ने उसका सामान और नगदी छिन कर मारकर कहीं फेंक दिया या किसी आतंकवादी ग्रुप ने धरदबोचा। पुलिस का ध्यान तो बस देवनारायण को हत्यारा साबित करने मे ही लगा रहा।
दीनानाथ- शंका की सुई देवनारायण पर अटक जाने की वजह से हत्या पर पर्दा और निरपराध की मौत से उठे सुलगते सवाल के जबाब तो सरकारी फाईल के बन्द होते ही दफन हो गए । सुलगते सवालों के अलावा अब कुछ हाथ नहीं लगेगा रघुनाथ ।
डां नन्द लाल भारती
12/03/2022
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