Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तस्वीर

 

ये कैसी तस्वीर उभर रही है ,
आँखों का सकून ,
दिल का चैन छिन रही है .
अम्बर घायल हो रहा है
अवनि सिसक रही है
ये कैसी तस्वीर उभर रही है …………


चहुंओर तरक्की की दौड़ है
भ्रष्टाचार,महंगाई ,
मिलावट का दौर है ,
पानी बोतल में,
कैद हो रहा है ,
जनता तकलीफो का
बोझ धो रही है
ये कैसी तस्वीर उभर रही है …………


बदले हालत में
मुश्किल हो रहा है
जहरीला वातावरण,
बवंडर उठ रहा है
जंगल और जीव
तस्वीर में जी रहे है
ईंट पत्थरो के जंगल की
बाढ़ आ रही है
ये कैसी तस्वीर उभर रही है …………


आवाम शराफत की चादर
ओढ़े सो रहा है।
समाज,भेदभाव और
गरीबी का
अभिशाप धो रहा है।
एकता के विरोधी ,
खंजर पर धार दे रहे है ,
कही जाति कही धर्म की ,
तूती बोल रही है
ये कैसी तस्वीर उभर रही है …………

 

 

 


डॉ नन्द लाल भारती

 

 

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