अधर्म की वाणी ,
आदमी की दुश्मन ,
अशांति का करती
बीजारोपण ,
धर्म सहित सोंधेपन का
एहसास ,
सुख शान्ति के
उपवन का रोपण।
सच मीठे वचन बेशकीमती
रत्न सामना ,
नर नारायण हुए कई
मीठी वाणी वशीकरण के
मंतर सामना।
धर्म की वाणी बने अटल,
यही बनाये महान
कह गए गुणी संत विद्वान
नरोत्तम महान।
कथनी करनी में अंतर,
अधूरे जीवन का कुमंतर
धर्म की वाणी नर से
नारायण का सफ़र ………डॉ नन्द लाल भारती
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