विरोध
क्यों क्या हुआ ? परेशान लग रहे हो हितेश बाबू ?
गलत साबित हो गया घनश्याम जी ।
कैसे....?
अफसर खुद को दरोगा मुझ अदने को चोर समझता है । बदनसीबी पीछा नहीं छोड़ रही है ।मैं तो ये सोच कर ज्वाइन किया था बड़े लोगों के साथ काम करने का आनंद अलग आयेगा कैरिअर भी बन जायेगा पर आंसू मिल रहे हैं।
दिल के अरमान आसूओं मे जातिवादी, क्षेत्रवादी विरोध कुमार लूचा बदल रहे हैं क्या ?
और कौन इतना बड़ा शैतान है घनश्याम,शैलेंद्र बाबू बोले ।
देखो न शैलेंद्रबाबू बेचारे हितेश बाबू के पिता मरणासन्न अवस्था में बिस्तर पर पड़े हैं, पत्नी बीमार ऐसी स्थिति मे लूचा साहब चोर दरोगा का खेल खेल रहे हैं।बेचारे हितेश बाबू की नौकरी खाने पर आमदा हैं।
लूचा साहब से क्या उम्मीद कर सकते हो, जो उनकी जो आरती उतारेगा लूचा चालीसा का पाठ जो करेगा वही लूचा साहब के अधीन खुश रह पायेगा । हितेश जैसा काम को पूजा समझने वाला उसूल और ईमानदारी से काम करने वाला कर्मचारी रिजाइन करेगा या आत्महत्या या दुख दर्द से हाफता रहेगा ।
यही लूचागीरी कर रहे हैं ओबीसी विरोध कुमार लूचा दलित हितेश के खिलाफ घनश्याम बाबू बोले ।
शैलेंद्र बाबू बोले आओ मिलकर विरोध करें दलित विरोधी विरोध कुमार लूचा का ।
डां नन्द लाल भारती
05/02/2029
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