आपबीती ।।
पिताजी 20 मार्च2021 को सदा के लिए
बिछुड़ गए
मन ठौरिक भी नहीं हुआ था
नौकरी पर भागना पड़ा था
सूरत तो आ गया नौकरी भी
ज्वाइन कर लिया
सब कुछ ठीक चल रहा
सर्दी जुकाम,खांसी के लक्षण दिखे
18 अप्रैल 21 को कोरोना पाजिटिव हो गया
एक और मुसीबत कोरोना के डर का
अस्पताल मे जगह नहीं
चारों ओर कोरोना का कहर
मैंने खुद पर काबू करने और
विश्वास बढाने के सारे हथकंडे अपनाये
डां की दवाई बताये अनुसार खाये
भस्तिका,कपालभाति, अनुलोम विलोम
खूब किया,
मनविचलित हो उससे पहले
अनुलोम विलोम शुरू कर देता
नतीजा चमत्कारी फास्ट रिकवरी
बीमारी को हावी नहीं होने दिया
मैं ठीक हूँ मैं ठीक हूँ, मुझे विश्वास है
और मैं सचमुच ठीक हूँ
अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुका हूँ
क्वार्टर पर कैद हूँ
अनुलोम विलोम जारी है
याद रखिए डर बीमारी है
और विश्वास इलाज
विश्वास के साथ दवाई लीजिये
और अनुलोम विलोम करते रहिये
आप स्वस्थ होगें मेरा विश्वास है
यह मेरा अनुभव है
विश्वास न टूटने पाये
विश्वास पर अटल रहिए
आप स्वस्थ हैं
सुखद जीवन की शुभकामना ।
डां नन्द लाल भारती
28/04/2021
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