समय के पुत्र भारत
हम समय के पुत्र भारत है
हम समझे बरखुर्दार
ना हमारी कोई जाति है
ना धर्म,
हमारी जाति है भारत
हमारा धर्म है भारतीयता
हमारा धर्म ग्रंथ है संविधान
आजादी हमारा स्वाभिमान....
हमारा लक्ष्य हो
देश की रक्षा अपनी सुरक्षा
शहीदों का सम्मान
छूता रहे आसमान तिरंगा
सबका साथ सबका विकास
ना हो बस नारा
ना हो स्वार्थ ना हो पक्षपात
ना जातिवाद ना भेदभाव
हम सब भारतवासी
बात हो तो भारत की बात
आजादी जश्न नहीं
यादों की है बारात
कितने बलिदान, लहू की बाढ़
चित्कारें,फुफकारे,ललकारें
देश के आजादी की बात.......
सूली पर चढने ,जान की बाजी
लहू का दरिया पार कर मिली
आजादी
कौम वही भारतवासी
उलझ रहे जाति धर्म के फेरे
बात नहीं होती देश की
बात बस रस्साकशी
सत्ता का खेल बेखौफ जारी
तड़पता आवाम,महंगाई
बनी महामारी
झूठे वादे, मरते सपने
सत्ता के शौकीन,बेचते सपने
कैसा देश कैसी मंहगाई
बस कुर्सी प्यारी
क्या इसीलिए अनगिनत हुए शहीद
अनगिनत मांगे उजड़ी थी
अनगिनत बुढौती की लाठी टूटी
कैसा चढ़ा स्वार्थ का जश्मा
देश नहीं कुर्सी है प्यारी
भारतवासियों नोच दो
जातिवाद की लकीरें
उठा लो तिरंगा
कर दो ललकार
नहीं सहेगे जातिवाद, क्षेत्रवाद
ना हिटलरशाही
उद्देश्य हमारा समता-सम्पन्नता
अमरदेश भारत
अमर देश की आजादी
आज हम कसम खाते है
आदमियत को सींचेगें
देश के लिए जिएगे
या मर जायेंगे
हम भारत के लोग
देश को खुशहाल बनायेंगे
हमारी आजादी अमर रहे
मिले हर हाथ को काम
ना करें कोई फांका
ना काटे कोई अपना अंगूठा
ऐसी सत्ता लायेगें
भारत को जातिवाद से
मुक्ति दिलायेंगे
भारत की जय,संविधान को
माथे चढाये़गे
गाएंगे शहीदों के तरानें ।
डां नन्द लाल भारती
12/08/2021
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