बदला
भाग्यवान भगवान ने इतना सुन्दर चेहरा दिया है, तुम उदास बैठी हो।
क्या करुं नाचूं । विश्वा के बाबू हर बात को मजाक मे क्यों लेते हो ?
भाग्यवान मेरी इतनी हिम्मत की होममिनिस्टर की बात का मजाक बनाऊं ।
आपको हमेशा मस्सखरी सूझती है, ठग की बेटी बदला ले रही है आप मजाक कर रहे हो।
भूपेश की मां आज से तो वह नहीं ले रही है,जब से पहला कदम रखी है, तब से ले रही है। बिना दहेज की शादी करने का बदला,बहू को बेटी का दर्जा देने का बदला ले रही है।बाप की खुशी के लिए पति को लूट रही है। बचवा को पैदा करने की कीमत अपने ही पति से दस लाख रुपये लूट चुकी है। अनजाने मे ठग की हाफमाइण्ड हाफब्लाइण्ड बेटी को बहू चुनने की गलती का बदला ले रही है तो क्या करें, जहर भी तो नहीं खा सकते । एक झटका तो झेल चुके हैं अब नहीं झेल पाऊँगा विश्वा की मां सन्तोष बाबू सोफा में धंसते हुए बोले ।
अस्मिता-विश्वा के बाबू पागल बहू अब सबसे बड़ा बदला लेने का तरीका ढूंढ ली है।
सन्तोष बाबू-अब और नया क्या ?
अस्मिता-तीन साल के बचवा को घर मे बंद कर मारने लगी है ताकि भूपेश कमाई का लूटकर मां बाप देती रहे, भूपेश नौकरी भी करे और खाना बनाकर खटिया पर देता रहे बचवा के मोह मे।
सन्तोष बाबू गहरी सांस लेते हुए बोले काश भूपेश पहले समझ गया होता तो हम रोज-रोज बहू के आतंक से मर- मर कर नहीं जीते।बेटवा की न रोअन रोटी होती न परिवार मे बिखराव होता। भूपेश का फोन मुझे भी आया था । हम तो उसका साथ देगे परन्तु असली फैसला तो भूपेश को ही लेना है।
अस्मिता-बदला तो दुश्मन लेते हैं वह तो एक पत्नी है, एक मां हैं,खानदान की इज्ज़त है ?अपने ही अबोध बच्चे मार पीट कर कैसा बदला ले रही है?
सन्तोष-सब कुछ समय पर छोड़ दो।बहू तो हमें भी मारना चाहती है,उसका बाप खुलेआम कत्ल कराने की धमकी दे चुका है। सब कुछ प्रकृति पर छोडकर तुम भी जीओ मै भी। कैसा और किससे बदला ले भूपेश की मां ?
नन्द लाल भारती
22/07/2022
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