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लाल जादू

 
लघउकू:  लाल जादू।
दिल,दिमाग और दौलत पर नागिन की तरह कब्जा जमाये पत्नी  ताण्डविका ने कीचन से तावे पर सुलगती हुई रोटी पति राजकरण के सामने फेंकते हुए बोली देखो?
क्या देखूं, रोटी पर लाल मिर्च सुलगा रही हो ?
कोई  नई  रेसिपी  सासूजी ने तो नहीं बता दिया  राजकरण बोला ?
खबरदार मेरी मां तक गये तो ताण्डविका चिमटा हवा में लहराते हुए बोली।
बताओगी तब न जानूंगा क्या है, रोटी पर सुलगता हुआ मिर्च पाउडर या मिर्च की रोटी पत्नी पीड़ित राजकरण हिम्मत करके बोला ?
ना मिर्च पाउडर है ना मिर्च की रोटी ?
फिर क्या है राजकरण पूछा ?
ताण्डविका गुस्से में तमतमाते हुए बोली लाल जादू।
तुम भी सीख रही हो  ?
तुम्हारी मां कर रही है। देखो रोटी लाल हो रही है। तुम्हारी मां मुझको विधवा बनाने के लिए कर रही  है लाल जादू  घड़ियाली आंसू गारते हुए ताण्डविका बोली।
मेरी मां तो अशिक्षित गांव की संस्कारी सीधी साधी महिला है वह क्या जाने ? तुम्हारी मां पढ़ी लिखी  काले जादू  जानती है। कहीं  इंश्योरेन्स क्लेम की साज़िश तो नहीं अब ये लाल जादू राजकरण तनिक कर्कश  आवाज में बोला।
नन्द लाल भारती
०७/११/२०२३

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