Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

मां का ख्याल रखना

 
मां का ख्याल रखना
बेटा मेरा खत पढ़कर
खफा ना होना
मैं और तुम्हारी मां
तुम्हारी खुशी के लिए ही जीये हैं
और आज भी जी रहे हैं
जीते रहेंगे 
उम्र की शाम तक
बेटा मैं ना पहाड़ हूँ
ना कोई पुल
सचमुच मै अपने फर्ज पर
फना होता रहा
और 
तुम्हारी मां भी
मैंने कोई  नया इतिहास
नहीं रचा हूँ
मैं तुम्हारी मां के संग मिलकर
अपने मांता-पिताजी
यानि तुम्हारे दादा-दादी के
सपनों मे रंग भरने के लिए
खुद के लिए, खुद के
भविष्य के लिए
ना जी सके
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए
न्यौछावर करते रहे
बेटा मैं एहसान नहीं
जता रहा हूँ......
मेरी तुमसे इंतजा है
तुम मेरी फिकर ना करना
पर हां अपनी मां का
ख्याल रखना
उसकी आंख कभी ना
रिसने पाये
मां है तुम्हारी
मुझसे बड़ा त्याग है
तुम्हारी मां का
ख्याल रखना बेटा 
अपनी मां का
मैं बाप हूँ वो तुम्हारी मां
मां के चरणों में ही
दुनिया का सुख है
मां को कोई दुख ना
पड़ने देना
बेटा मेरा खत पढ़कर
बिल्कुल खफा ना होना
बेटा,
अपनी मां का हालचाल
पूछ  लिया करना
अपनी मां का ख्याल रखना
मेरी फिकर ना करना
अपना ख्याल रखना .....
नन्द लाल भारती

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ