मां का ख्याल रखना
बेटा मेरा खत पढ़कर
खफा ना होना
मैं और तुम्हारी मां
तुम्हारी खुशी के लिए ही जीये हैं
और आज भी जी रहे हैं
जीते रहेंगे
उम्र की शाम तक
बेटा मैं ना पहाड़ हूँ
ना कोई पुल
सचमुच मै अपने फर्ज पर
फना होता रहा
और
तुम्हारी मां भी
मैंने कोई नया इतिहास
नहीं रचा हूँ
मैं तुम्हारी मां के संग मिलकर
अपने मांता-पिताजी
यानि तुम्हारे दादा-दादी के
सपनों मे रंग भरने के लिए
खुद के लिए, खुद के
भविष्य के लिए
ना जी सके
सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे लिए
न्यौछावर करते रहे
बेटा मैं एहसान नहीं
जता रहा हूँ......
मेरी तुमसे इंतजा है
तुम मेरी फिकर ना करना
पर हां अपनी मां का
ख्याल रखना
उसकी आंख कभी ना
रिसने पाये
मां है तुम्हारी
मुझसे बड़ा त्याग है
तुम्हारी मां का
ख्याल रखना बेटा
अपनी मां का
मैं बाप हूँ वो तुम्हारी मां
मां के चरणों में ही
दुनिया का सुख है
मां को कोई दुख ना
पड़ने देना
बेटा मेरा खत पढ़कर
बिल्कुल खफा ना होना
बेटा,
अपनी मां का हालचाल
पूछ लिया करना
अपनी मां का ख्याल रखना
मेरी फिकर ना करना
अपना ख्याल रखना .....
नन्द लाल भारती
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