लघुकथा:आत्मघाती कदम
शुभप्रभात यशवंत।
शुभप्रभात यशवीर भाई,आपका दिन मंगलकारी हो यशवंत बोला।
समाचार पत्र ऐसी खबरें परोस रहे हैं कि दिन भर वहीं खबरें दिमाग में घूमती रहती हैं ।
अच्छी और ज्ञानवर्धक जानकारी भी होती है यशवीर भाई यशवंत बोला।
कुछ पढ़ने लायक नहीं बचा है वहीं बुरी खबरें और विज्ञापन, इनकी चकाचौंध में सब छिप जाता है यशवीर बोला।
अखबार भी व्यापार है यशवंत बोला।
हां वह तो है अच्छी खबरों को पहले पेज पर होनी चाहिए पर सनसनी फैलाने के लिए बुरी खबरों से शुरूआत,कहा सकारात्मक सोच बनेगी यशवीर बोला।
यह तो है यशवंत इतना बोल कर चुप हो गया।
आज की खबर से दिल बैठ गया।अफसर इतने अमानुष हो जाते हैं कि उनके अत्याचार, शोषण, अपमान से अधीनस्थ तनाव में आत्महत्या कर ले यशवीर बोला।
कंस आज भी जिंदा हैं यशवंत बोला।
ऐसी ही खबर है -आत्मघाती कदम उठाने से पहले बतायी कम्पनी के अफसर की करतूत, लापता मैनेजर का शव शिप्रा में मिला यशवीर बोला।
दोस्त मेरी भी खबर कुछ ऐसी होती फर्क बस शिप्रा की जगह समन्दर होता यशवंत बोला।
यशवंत की बात को सुनकर यशवीर को चक्कर आने लगा।
दोस्त मैं तुम्हारे सामने हूं पर सच बात बता रहा हूं। मैं आपरेशन डायरेक्टर को मौखिक और लिखित अनुरोध किया पर इससे तो और आग बबूला हो गया, शोषण , अत्याचार सार्वजनिक अपमान तीव्र गति से करने लगा,सीआर तो पहले ही चाट गया था
मेरी तबियत खराब होने लगी। कोई आत्मघाती कदम उठाता मेरी तीसरी इन्द्रिय जाग गई और अध्ययन, लेखन और ध्यान से जुड़ और आज मैं तुम्हारे सामने हूं वरना फ्रेम होता।
इरादतन आत्मघाती कदम उठाने को उकसाने वाला नरपिशाच ना कौन यशवीर पूछा ।
वह था जातिवादी,क्षेत्रवादी और भाई-भतीजावादी......सी जी एम मि.निरोध कुमार साहु।
नन्दलाल भारती
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