Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बधाई

 
बधाई

बधाई हो पुष्पा,सुनी हूं तुमने बिटिया का ब्याह कर दिया समुन्दरा फोन पर एक सांस में उलाहना भरे अंदाज में बोल गयी?

दीदी धन्यवाद। सही सुना है पुष्पा उछाह में बोली।
कब बिटिया रानी का ब्याह कर दिया, खबर नहीं लगने दी समुन्दरा नाराजगी जाहिर करते हुए बोली ?

दीदी आप तो जानती हो, सालों से दमाद खोजते खोजते थक गये थे, रानी के पापा का बिटिया के ब्याह की चिन्ता में बीपी हाई हो रहा था,हार्ट के मरीज तो वैसे ही हैं। सजातीय दूल्हा बाजार में आग लगी है पुष्पा कुछ बोलती समुन्दरा बीच में बोली बेटी का  ब्याह क्या तुमने शूद्र के घर कर दिया? दूल्हा बाजार में लगी आग बुझाने का नेक काम तुमने कर दिया है समुन्दरा बोली।

हां  दीदी । आप बताओ शूद्र कौन नहीं है। ब्राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र के गुण तो सभी में होते हैं चाहे नर हो या नारी। आदमियत के दुश्मनों ने भ्रमजाल में फंसा रखा है,इस भ्रमजाल को तोड़ देना चाहिए क्योंकि आदमियत सबसे बड़ा धर्म है। दीदी भले ही छोटी जाति से है पर बहुत ऊचे लोग हैं । दीदी सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि बहुत लोगों को निमंत्रण नहीं भेजा पाये, रजिस्टर्ड मैरेज हुआ है पुष्पा बोली।

हां वह तो होगा ही तुम्हारी बेटी ने जो देखा और किया है,बहू भी देख लेना, विकसित मानसिकता के साथ अब नये  समाज में  जातिवादी व्यवस्था नहीं समतावादी व्यवस्था  होना चाहिए समुन्दरा बोली।
धन्यवाद दीदी, बातचीत चल रही पुष्पा बोली।
बेटवा के ब्याह में भी नहीं बुलाओगी,  अन्तर्जातीय  बहू के आने की भी अग्रिम बधाई ले लो कहते हुए समुन्दरा ने फोन खट से काट दिया।
नन्दलाल भारती
१०/०१/२०२४

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