बदला
साल भर के बेटा दक्ष के गाल पर चारों अंगुलियों के अंगारे जैसे निशान को देखकर मोहित तिलमिला गया। वह बच्चे को चूमते हुए रो पड़ा । दक्ष भी बाप से लिपट कर रोने लगा।सगी पर सौतेली मां से भी खतरनाक महाठगिनी पत्नी से पूछा दक्ष को तुमने क्यों मारा है ?
रौद्र रूप धारण कर महाठगिनी विषकुमारी बोली मारुंगी और मारुंगी कहते दक्ष को खींचने लगी। दक्ष चिल्लाता हुआ बाप से चिपक गया।
तुमने झूठे प्यार का प्रपंच कर, मुझे घर परिवार से अलग कर दिया। मेरे मां -बाप से अलग कर दिया तुमने।तुम्हारा और तुम्हारे मां बाप की हर प्रताड़ना तो झेल रहा हूं, तुमने अपने ही बच्चे को स्तनपान तक नहीं कराया न तो आज तक कभी डायपर बदली। बच्चे के जन्म के पहले से जन्म के बाद तक तुम और तुम्हारे मां बाप ने मेरे जीवन की पूंजी दस लाख रुपए ठग लिए। दक्ष पर रहम करो इतना अन्याय मत करो मोहन बोला।
बदला ले रही हूं चुड़ैल विषकुमारी गरजते हुए बोली।
किस बात का बदला, तुम्हारे ठग मां-बाप तुम अनपढ़ गंवार और मानसिक विकलांग को एम एस सी और बी एड बताकर मेरे गले में मेरी बर्बादी का फंदा बांध कर मुझे लूट रहे हैं। तुम रोज नये-नये षणयन्त्र रचकर पुलिस बुला कर मुझे नोंच-नोंच कर खा रही हो।अभी तुम्हारा पेट नहीं भर रहा। बच्चे से बदला ले रही है, तुम ना अच्छी पत्नी बन सकी, न ही हमारे परिवार की बहू, कम से कम अच्छी मां तो बन जाती मोहन बोला ?
तुम और तुम्हारे मां -बाप ऐसे ही तड़पते रहेगे, तुम्हारा और तुम्हारे भाई -बहन का मिलाप कभी न होने दूंगी ऐसे ही गिन कर बदला लेती रहूंगी विषकुमारी चिल्लाते हुए पुलिस थाने फोन घूमा दी बदला लेने के लिए।
नन्दलाल भारती
05/04/2023
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