Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गवाही

 
लघुकथा: गवाही
लिपिक,मोतीलाल समय का पाबन्द था । ईमानदारी से काम करने के लिए जाना भी जाता था, सम्भवतः इसीलिए एच.ओ.डी मि.खान को मोतीलाल बहुत पसंद था।छोटा सा आफिस था ,कुल जमा सात लोगों का स्टाफ था। फील्ड फोर्स ज्यादा थी।काम का लोड ज्यादातर मोतीलाल के उपर होता, अंग्रेजी टाइपिंग के साथ हिन्दी टाइपिंग का भी काम करता था, इसके साथ पी.एण्ड ए.डिपार्टमेंट का काम भी उसी के उपर था।
एकाउंट डिपार्टमेंट की स्टेटमेंट हो या विपणन की सब मोतीलाल के जिम्मे। एचओडी के दौरे पर जाने के बाद कुछ लोग मोतीलाल को उलझाए रखने के लिए ढेर गैरजरूरी काम मोतीलाल को सौंप कर बारह से तीन का शो भी देख आते थे। एक दिन ग्यारह बजे होंगे इसी बीच विवेक सिंह मोतीलाल के कमरे में घुसते ही बड़े रौब से बोले क्यों रे तुमने मेरा काम नहीं किया।
सुनिए तमीज से बात कीजिए अभी आ रहे हो ।बैठो हो जायेगा मोतीलाल बोला।
तुम कौन होते हो ? मैं बारह बजे आऊं चार बजे जाऊं। तुम कम्पनी के दामाद हो क्या?यह कम्पनी चमारों  को नौकरी देने के लिए नहीं है सिर्फ सवर्णों की कम्पनी है विवेक बोला।
देखिए मि.मर्यादा का उलंघन कर रहे हो ? मोतीलाल नपे-तुले शब्दों में बोला।
आग में घी डालते हुए विवेक साहब सीनियर है और जाति से भी तुमसे  बहुत ऊंचे हैं ।
क्या कुछ भी बकने का हक है मोतीलाल बोला ?
मैं सारे नियम कानून तोड़ रहा हूं।  मर्यादा का चीरहरण कर रहा हूं । क्या उखाड़ लोगे  ‌विवेक सिंह पागल हाथी की तरह चिंघाड़ मारते हुए बोला ? यही दफन कर दूंगा कोई गवाही देने वाला नहीं मिलेगा   रईस भी नहीं कहते हुए उसने मोतीलाल को कुर्सी से ढकेल कर गिरा दिया। टाइपराइटर उठाकर फेंक दिया, टेबल उलट दिया, रजिस्टर एवं अन्य कागजात इधर उधर फेंक कर, मेरा जो उखाड़ सकते हो उखाड़ लेना चमारिया............. कहते हुए वह अपने कमरे में चला गया।
विवेक सिंह के उपद्रव के बाद मोतीलाल का घोर विरोधी चपरासी रईस ने टेबल,कुर्सी टाइपराइटर और दस्तावेज सब व्यवस्थित किया। एचओडी के दौरे से वापस आने के बाद विवेक सिंह के उपद्रव का मामला उनके पास पहुंचा। पूरे स्टाफ की बैठक बुलाकर एचओडी ने जातिवाद से उत्प्रेरित दुर्घटना की भर्त्सना किये। रईस से पूछे सही सही बताओ रईस क्या हुआ था तुम मौके पर थे, झूठ नहीं बोलना।
कुछ नहीं हुआ था साहब। मोतीलाल,विवेक साहब का बताया काम नहीं किया, इसी पर कहा सुनी हुई थी।  मोतीलाल अपनी छोटी हो जाति का फायदा उठाना चाहता है, विवेक साहब से ऊंचा बनता है , अपनी औकात में नहीं रहता है रईस गवाही में बोला।
एचओडी खान साहब गहरी सांस भरते हुए बोले -हां मोतीलाल तुम कुछ कहना चाहोगे ?
कहने को कुछ बचा ही नहीं। मैंने सुना था सच्चा मुसलमान झूठ नहीं बोलता पर रईस की गवाही ने विश्वास तोड़ दिया बाकी खुदा गवाह है साहब।

नन्दलाल भारती
२८/०८/२०२३

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