हिन्दी दिवस की मंगलकामनाएं।
अपनी जहां का गौरव: हिन्दी
हिन्दी अपनी, अपनी जहां का गौरव
देश का अनुराग अलौकिक
क्या उत्तर क्या दक्खिन
क्या पूरब क्या पच्छिम
आजादी के शंखनाद की भाषा,
अपनी हिंदी जन-जन की भाषा।
आज क्या ? कल क्या ?
सन्तो ने भरपूर मान दिया
हिन्दी को सन्तवाणी बना दिया
हिन्दी अपनी जहां में आगे-आगे
बदले युग में दुनिया भाग्य तराशे
अपनी जहां है,
कहती हिन्दी अपनाओ
अपनी पहचान बनाओ
हिन्दी में अपनी जहां काम करेगी
अपनी हिंदी पर अभिमान करेगी
अब के युग में,
हिन्दी खुशहाली का रास्ता
जहान कहे विनिमय-विकास का वास्ता
अपनी जहां ने हिन्दी में ख्वाब देखा
हिन्दी अपनी जहां की विकास की रेखा
हिन्दी अपनी, अपनी जहां का गौरव
जन-जन की अभिलाषा
हिन्दी लोकतंत्र की परिभाषा।
नन्दलाल भारती
१३/०९/२०२३
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