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Dr. Srimati Tara Singh
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मौत का जश्न

 
लघुकथा : मौत का जश्न
हास्पिटल के आई सी यू में हार्ट के पेशेन्ट्स संख्या  निरंतर बढ़ रही थी।कई बेहोश,कई अर्ध बेहोश, कोई कराह रहा था कोई चिल्ला। अटेंडेंस दुःखी, कुछ की पलकें गीली, कुछ की आंखें सावन भादों।

पेशेन्ट्स की संख्या देखकर मेलनर्स, हेल्प डेस्क के नर्सों और वार्ड ब्वायज के   सदस्यों  से हंसते बात कर  रहा था , देखो मैं आई सी यू के कितना लकी हूं।

कैसे तुम लकी हो गये आई सी यू के लिए एक नर्स धीरे से बोली।

 मेरे  दूसरे डिपार्टमेंट से इस आई सी यू में ट्रांसफर होकर आने के पहले कभी यह आई सी यू फुल हुआ था क्या   मेलनर्स  तनिक जोर की आवाज में बोला।

नर्सों के सेलिब्रेशन देखकर  कुछ देर पहले भर्ती हुआ पेशेन्ट् माथा ठोकते हुए बोला देखो यहां तो मौत के ताण्डव का  जश्न मन रहा है।
नन्दलाल भारती

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