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Dr. Srimati Tara Singh
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नाटक जीने की कला

 
नाटक जीने की कला
 यह भारतीय नाट्य अकादमी हैं
आओ हम यही से जीवन के छूटे
ख्वाबों को सच्चे मन से
जीने का सच्चा अभिनय करते हैं 
हम अब ऐसा करते हैं
दिल और दिमाग की सुनते हैं
खुद पर भरोसा रखते हैं 
सफ़र और आसान होगा
ना कोई अपना हैरान होगा
हम साथ साथ रहेंगे साथ चलेंगे 
अधूरे सपनों में कुछ रंग भरेंगे
जिन्दगी के अधूरे किस्सों को
थोड़ा-थोड़ा करके पूरा करेंगे
अभी तक हमने जिया है
अपनों के लिए
अपनों की दुनिया सजाने में
भूल गए खुद को
चलो ये भी अच्छा हुआ
कमजोर जमीं मजबूत बन गई
अपने भी छू सकेंगे आसमान
हमने अपने हिस्से की
खुशियां बो दिए अपनों  के लिए।
अपनों की खुशनुमा उड़ान देखकर
अपना सफर हो जायेगा आसान
बाकी अपनी ख्वाहिशों पर
विनम्र विमर्श कर लिया करेंगे
कभी -कभी अपनी मौज के लिए 
मानता हूं ख्वाहिशों की तरह
हमारी मुहब्बत के भले ही
कोई यादगार किस्से न हो
हमारा साथ -साथ क़दम क़दम
जिन्दगी की राह पर चलना
यादगार किस्से हैं
हमारे अपने जो सपनो में रंग भर रहे
बसंत की तरह
सच वहीं हमारे जीवन के बसंत है 
अब ऐसा करते हैं
सपनों के बसंत का आनंद मनाते हैं
आनन्द की अनुभूति में
सफ़र आसान हो जाएगा
मानता हूं आंख, घुटने
अब बहुत सवाल जबाव करने लगे हैं
जिस तन का गरुर था
वहीं बोझ लगने लगा है उनको
खैर सब वक्त की बात है
कहते हैं ना मन से मांगो तो मिलता है
हमें भी मिला है
पाने के लिए लगन से
मगन होना पड़ता है
यही करेंगे साथ साथ चलेंगे
मुहब्बत की राह में कांटे भी गड़ते है
हम साथ साथ चलते हैं 
नौकरी की मियाद पूरी हो चुकी है
कुछ नया करेंगे साथ साथ चलेंगे
मंजिल के सफर तक 
समय के साथ चलना समझदारी है
सोचो समझो इत्मीनान से
पांव रखो सम्भल सम्भल कर
ताकि ठेहुना सवाल जबाव ना करें
सवाल जबाव तो ठीक है पर
यही सावधान रहना 
कोई ठग जीने का सहारा ना छीने
सतर्क रहना 
जिन्दा रहने का मन्त्र 
मुस्कुरा कर जी लेना
फिर से कसम खाते हैं
जिन्दगी में मिले दर्द गिले शिकवे
भूला कर 
नये जोश से जीवन पथ पर चलते हैं
जीने का जज्बा मन भर भर
जीवन का सच्चा नाटक करते हैं
नाटक जीने की कला है
आओ सच्चा अभिनय करते हैं 
यह भारतीय नाट्य अकादमी दिल्ली है 
आओ यही से  सच्ची  शुरुआत करते हैं।
नन्दलाल भारती
  09/02/2023

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