लघुकथा: ओवरटाइम
यह दास्तान पुरानी है,जब दफ्तरों में टाइप मशीन की खट-खट गूंजा करती थी। अधिक मात्रा में प्रतिलिपियों के लिए साइक्लोस्टाइल पर दफ्तर निर्भर हुआ करते थे। साइक्लोस्टाइल की मशीन भी कम हुआ करती थी नम्बर लगा करता था।
साइक्लोस्टाइल तो टाइप मशीन पर बनती थी पर प्रिंट साइक्लोस्टाइल मशीन से होता था। मशीन भी हाथ से चलती थी जिसमें बहुत टाइम भी लगता था। कम्पनी के प्रतिनिधि चुनाव के लिए रात दिन एक करना पड़ जाता था। चुनाव की प्रक्रिया कई महीने पहले शुरू हो जाती थी।
एक कम्पनी के प्रतिनिधियों के चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद मि.राजेन्द्र जैन,एरिया मैनेजर ने चुनाव से सम्बंधित सभी प्रोफार्मा की साइक्लोस्टाइल तैयार करवाने,सेट बनाने और डिस्पैच करने, चुनाव से सम्बंधित दस्तावेज तैयार करने डिस्प्ले करने की जिम्मेदारी टाइपिस्ट सुधीर के उपर डालकर, चुनाव की समय सारिणी टेबल पर कांच के नीचे दबाकर बैठ गये। काम की पूरी जिम्मेदारी सुधीर के उपर।
दफ्तर में छः लोग और थे जो उच्चवर्णिक थे और जातिवाद का बोलबाला था। एरिया मैनेजर,एकाउंटेंट, मार्केटिंग असिस्टेंट ,कार चालक,चपरासी टाइपिस्ट जो दलित था। एकाउंटेंट बहुत खाऊं था उसे बिना कुछ किए ओवरटाइम, इंसीडेंटल क्लेम और भरपूर टूर भी मिल जाता था और वही एरिया मैनेजर का दाहिना हाथ भी था। चुनाव की घोषणा के बाद तो सुधीर के हाल कोल्हू के बैल जैसे हो गये, जबकि पहले से ही वह शोषण का शिकार था।
सुधीर सुबह जल्दी दफ्तर आता, साइक्लोस्टाइल प्रिंट करने वाले के पास जाता, कभी देर रात तक प्रिंट करवाता, दफ्तर जाता,सेट बनाता और इन सब कामों देर रात हो जाती कभी तो रात के ग्यारह बजे घर वापस पहुंच पाता। पांच सौ के आसपास लिफाफे तैयार करने पड़ते थे। दफ्तर के समय में चपरासी हाथ लगा देता पर ढिंढोरा बहुत पीटता था जैसे सारा काम उसने किया हो। मार्केटिंग असिस्टेंट कभी कभी निर्देश दे देता । एकाउंटेंट को आसपास खड़ा होने में भी एलर्जी थी।
खैर रात दिन के सुधीर की मेहनत और कम्पनी के प्रति वफादारी की वजह से चुनाव सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया और एरिया मैनेजर की पीठ भी उच्च प्रबंधन ने थपथपाई थी।
एरिया मैनेजर ने एकाउंटेंट और कार चालक के ओवरटाइम क्लेम्स को स्वीकृत किया जबकि चुनाव के काम से इनका कोई योगदान नहीं था। सीआर खराब लिखने वाले, नौकरी से निकालने की सिफारिश करने वाले एरिया मैनेजर ने रात दिन जिस सुधीर ने मेहनत किया उसी का ओवरटाइम क्लेम अस्वीकृत कर दिया था। उच्चवर्णिक एरिया मैनेजर ने निम्नवर्णिक सुधीर के पेट पर लात ही नहीं मेहनत पर भी शोषण का करारा चोट कर दिया गोहुंअन सांप की तरह।
नन्दलाल भारती
२४/०८/२०२३
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