Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तेजाब का दरिया

 
लघुकथा: तेजाब का दरिया।
रिटायरमेंट के बाद कैसा महसूस कर रहे हो अरमानचंद ?
बेहतर महसूस कर रहा हूं पर मुझ से ज्यादा तो वे लोग खुश होंगे  अरमान चन्द बोले?
कौन लोग वंशलाल पूछे ?
वही लोग जो मुझे नौकरी से बर्खास्त करने की साज़िश रचते  थे, मेरी सीआर निरन्तर  खराब कर रहे थे।गले में अफसर का पट्टा पहनने की सलाह दे रहे थे। आखिर में तो एक शैतान ने मेरी सीआर के ओवर आल परफार्मेंस के कमेंट  में वेरी लेजी आफिसर लिखकर  कैरिअर का कत्ल कर  दिया था अरमानचंद बोले।
बाप रे ऐसे  अमानुषों के अधीनस्थ तुम्हें नौकरी करनी पड़ी है  वंशलाल बोले ?
हां दोस्त सच्चाई तो यही है।मेरी रौनक जो देख रहे हो उसके पीछे जख्म, दर्द और आंसू की परतें हैं।
दोस्त तुम्हारी बातों के मौन दर्द से सब कुछ समझ में आ गया। दोस्त जातिवादी नरपिशाचों का नाम नहीं बताओगे वंशलाल पूछे।
मित्र तुम तो पत्रकार नहीं हो फिर इंटरव्यू क्यों ले रहे हो ?
मैं जानता हूं कुछ मर गये होंगे। कुछ संड़ाध मार रहे होंगे पर इन शैतानों को पछतावा तो नहीं होगा वंशलाल पूछे ।
मित्र जातिवादी एनाकोंडाओ के बीच रहकर भी मैंने अपने उद्देश्य को छू लिया यही मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि है।
एनाकोंडाओ के नाम प्लीज वंशलाल बोले?
वीपी सिंह, एपी सिंह, डीपी सिंह, राजिन्द्र जैन, एस एस शेखावत,डीपी जुआल,निरोध कुमार साहू यही वे राक्षस थे जिन्होंने मेरे कैरिअर का कत्ल करने की कोई कसर नहीं छोड़ा । दोस्त मगरमच्छों और बरसाती मेढकों की गिनती ज्यादा बैठेगी ।
अरमानचंद तुमने तेजाब का दरिया पार कर अपनी योग्यताओं का झंडा गाड़ा है...... रिटायरमेंट  लाईफ की मंगलकामनाएं दोस्त।

२२/०८/२०२३

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