Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आय मिलो

 
आय मिलो
धोखा -धोखा,धोखे में जीवन बीता 
गवांय गयी,श्रम की कीमत 
लूट गया ईमान, नहीं यकीन अब
कैसे बचें ईमान,
टूट गये अरमां बबूआ
खण्डित हुआ ईमान,
किसके कन्हिया माथा रखूं
तू ही बता दें,
कैसी सजा तेरी जहां में
जीवन तप रौंद गया तूफान 
आय मिलो बबूआ,
कैसे जीयें लूट गये सपने सयान
बेगाने खुद के अपने हुए
खंजर भोंक दिये ईमान 
करेजवा पर जख्म विषैले 
पकड़ लो आके अंगुली बबूआ
नेकी के बदले अखिया से
ना रुके अब तूफ़ान 
जीये जिनके,जिनका किया  उध्दार,
वहीं करें अपमान 
रिश्ते अब सारे झूठे लागे,
कालिख पोते मथवा ईमान
आय मिलो बबूआ बनो उजियार
मिट जाये गहरे अंधियार बबूआ
बने सहारे जिनके, थामे थमा आसमान 
कर में खंजर ले डाले अब
डर लागे ना कटे दिन-रतिया
हो गई कलंकी सतिया 
आय मिलो बबूआ 
डर की गिरफ्त में अटकी जान
कैसे घूमे ? 
फर्ज पर लूटने वाला कोई  
खंजर लिए ईमान बबूआ 
डर तो अब बहुत बहुतै लागै
भले जहां रुठे,तू ना रुठना
सम्भाल लूटा ईमान बबूआ
आय मिलो....आय मिलो,बबूआ
आय मिलो।
नन्दलाल भारती 
०४/०५/२०२४

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