वक्त आ गया है।
सुनो, सुनो अरे सुनो
वक्त आ गया है
अभिमान,घमण्ड,उन्माद को
त्यागने का वक्त आ गया है
इक्कीसवीं सदी है
सबके साथ सबका विकास
ऐलान हो गया है,
सुनो सुनो सुनो........
नहीं चलेगा वंशवाद ना कोई द्वेष भाव
दुराग्रह त्यागने का वक्त आ गया है
जातिवाद की खाईयां
धर्मवाद का पहाड़ अब नहीं चलेगा
सुनो सुनो अरे सुनो......….
नफ़रत भेदभाव त्यागने का,
वक्त आ गया है
सामाजिक दूरियां धार्मिक मजबूरियां
झूठे आश्वासन,स्वर्ग नर्क की
कोरी कल्पना ,हठ को छोड़ने का
वक्त आ गया है
सुनो सुनो सुनो..........
नेक कर्म, सद्कर्म संघे शक्ति है
उत्थान के पथ प्रबल
अपनी जहां बनाये सबल
अपनी जहां अपनी जान
अपनी जहां अपनी पहचान
सुनो सुनो सुनो..........
वक्त आ गया है
जड़ता छोड़ो,समता से नाता जोड़ो
स्वीकार करो वही अब
समतावादी समाज और
राष्ट्र हित में हो जो अब
सर्व धर्म समभाव जीवन मूल्य हो अपना
विश्वगुरु का पूरा हो सपना
जड़ता का त्याग करो
उदासीनता का परित्याग करो
विकास करो विकास करो
वक्त आ गया है
सुनो सुनो सुनो.............
नन्दलाल भारती
०९/०८/२०२३
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