आशीर्वचन
पत्नी अपने ही पति को अपने ही नवजात शिशु की तरफ इशारा करते हुए सरेआम गाली देते हुए बोली।
ये बेटवा तेरी मां ने मैंने पैदा किया है।
हां तुमनें जरूर पैदा किया है। इस बच्चे को पैदा करने की कीमत तुम और तुम्हारे मां-बाप मेरे जीवन की सारी कमाई दस लाख रुपये लूट लिए उपर से कर्जा भी करवा दिया। तू है कि एहसान जता रही है।
बस क्या पागल हाथी की तरह पत्नी, पति की तरफ
दौड़ी,पति पर प्रहार करती,उससे पहले बेचारा पति हाथ पकड़ लिए।
देखो गांव वालों पूरा परिवार मिलकर अबला को मार रहे है ।बचाओ-बचाओ की आवाज़ सुनकर पूरा गांव इकट्ठा हो गया, सब एक सुर मे बोले लूटेरे मां-बाप की पागल बेटी को उसके बाप के घर छोड़ आओ।
ठग दहेज में चवन्नी दिये नहीं, दहेज के केस मे जेल भेजवाने की धमकी देती रहती है। पैलग लड़की को सम्पन्न और शरीफ परिवार कि बहू बनाकर जीने की उम्मीदें छिन रहे हैं ।दमाद की कमाई पर नाग की फन काढे बैठे हैं।
बेटी ससुराल की इज्ज़त सड़क पर नीलाम कर रही है।
अभय की मां बोली हम तो शरीफ परिवार की सुलक्षणा
समझकर अपने परिवार की महारानी बनाकर लाये थे ये तो दासी लायक भी नहीं निकली ।
और कब तक आंसू बहायेगी बसुधा, देखना एक दिन यही नन्हका सबक सुखायेगा,अपने बाप के लूटेरों बूढ़े दादा-दादी के सपने चुराने वालों का मर्दन करेगा । तुम्हारे परिवार में सुख-सम्वृध्दि लायेगा। बृद्ध बुझनी काकी के आशीर्वचन सुनकर गांव वाले बोले बुझनी का वचन सच हो,सच हो ।
बसुधा आंचल से आंसू पोछते हुए बोली हे परमात्मा मेरी बहू को सद्बुद्धि तो ताकि वह अपने गृहस्थ जीवन को सफल बना सके कब तक ठग मां-बाप के इशारे पर अपना जीवन तबाह करती रहेगी और परिवार को दर्द के दरिया में ढकेल ढकेल कर पाप का भागी बनेगी... हे परमात्मा मेरी बहू को सद्बुध्दि दो सद्बुध्दि ।
नन्द लाल भारती
16/05/2022
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