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ग्रैण्ड पैरेंट्स दिवस

 
ग्रैण्ड पैरेंट्स दिवस

सुनो सुनो आओ आज सुनाते हम, अपनी जुबानी
सुखद अनुभूति, याद आये दादा-दादी, नाना-नानी
याद वो किस्से कहते दाद-दादी,नाना गाती    नानी
रानी शरंगा,सदा वृक्ष राजकुमार, परियों की कहानी।

भाई-बहना के किस्से अनोखे जाने कुछ अनजाने 
दादा-दादी, नाना-नानी जब सुनाते किस्से 
उमड़ जाता आंखों से खुशियों का गंगा जैसा पानी 
युग नहीं बीते बाबू ,याद अभी क्या किस्से कहानी।

दादा-दादी, नाना-नानी को नातिन-नाती
पौत्र-पौत्री का संग आज भी लुभाता 
जीवन भर जाता खुशियों से,
खुशियों का इन्द्रधनुषी रंग बहुत सबको भाता।
दादा-दादी नाना-नानी को, 
बच्चों की तोतली बोली का सुख कैसे बताएं ?
झांको बच्चों की निरापद आंखों में प्यारे,
स्वर्णिम सुख की अनुभूति कैसे कराते,
जिगर के टुकड़े - टुकड़ियां धरती के सितारे।

जीवन का धागा फले-फूले दरख्तों के 
ये सुनहरे नन्हे -मुन्हे फूल,
दादा-दादी नाना-नानी अपनी बगिया के 
प्यारे फूलों को कैसे  भूल जायें 
बुजुर्गो की छाया में जमीं के तारों को
संस्कार-ज्ञान और भविष्य का  उपहार 
आंसू छिपा नहीं सकते, शब्दों में बता नहीं सकते
जमीं के तारों से बुजुर्गों को कितना होता  प्यार ?
पौत्र-पौत्री, नातिन-नाती यानि
जमीन के सितारों की समझो मनोभावना,
ग्रैण्ड पैरेंट्स दिवस की बधाई एवं मंगलकामनाएं।
नन्दलाल भारती 
०६/०९/२०२५

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