Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नभ के तारें

 

नभ में देखो प्यारे -प्यारे ,
चम-चम चमक रहे हैं तारें ।
अठखेलियाँ करते हैं हरदम ,
नटखट हैं सारे के सारे ।। 1 ।।

 

 

जानें क्यों डरते सूरज से ,
छिप-छिपकर दिन में ये रहते ।
सुख-दुःख अपना सह लेते हैं ,
नहीं किसी से कुछ भी कहते ।। 2 ।।

 

 

डॉ. प्रमोद सोनवानी ‘पुष्प’

 

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