यदि भाव प्रेमत्व का होता ,
तब दंगा न फसाद होता ।
होता न भारत-पाक बँटवारा ,
न कश्मीर में गोली चलता ।।1।।
रोको यह नफरत की भावना ,
जन-जन में न फैलाओ ।
राष्ट्र जो अशांतमय है ,
शांतिमय तुम उसे बनाओ ।।2।।
डॉ.प्रमोद सोनवानी पुष्प
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY