शिक्षा का त्योहार मनाया,
गुरुओं का सम्मान बढ़ाया,
परीक्षा मे हर प्रथम आओगे ,
गुरूओ का जब सम्मान करोगे।
मम्मी-पापा गुरु के साथ रहोगे,
खुशी खुशी सब पाठ पढ़ोगे।
सुखी होगा सबका हाल
ऊंचा होगा देश का भाल।
कलाम अब्दुल,होमी जहांगीर भाभा,
नाम अमर है वैज्ञानिकों मे तुम्हारा।
खेल जगत मे भी नाम कमाना,
विराट,मिर्जा,संधू, तेंदुलकर जैसा,
बन के दिखाना।
जीवन में हार कभी न मानों
हार कर भी जीतना चाहो
गलतियों से सीखो,पढो,आगे बढो
जीवन में पीछे मुड़कर,कभी न देखो।
सदा विजय पथ पर आगे बढोगे,
जीवन का दुर्गम मार्ग प्रशस्त करोगे।
जीवन का दुर्गम मार्ग प्रशस्त करोगे।
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
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