Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बुजुर्गों का आशीष

 
बड़े भाग्य से मिले देखिये ,  सभी बुजुर्गों का  आशीष।
सारे अनुभव यही बताते, कर प्रणाम मिलेगी सीख।

खेल-खेल में यह बतलाते , करो नहीं शैतानी तुम।
 जब गिर पड़ते   तुम्हें  उठाते , करो नहीं  नादानी तुम।


हँसो- हँसाओ खुशियाँ पाओ, वयोवृद्ध   की लेकर सीख।
 बड़े भाग्य से मिले देखिये, सभी बुजुर्गों का  आशीष।

रोज कहानी कहते बाबा, कान लगाकर सुनते सब।
 नयी कहानी सुनते बच्चे, ध्यान लगाकर गुनते सब।

बच्चे सुनते बड़े चाव से, बड़े बुजुर्गों की यह सीख।
बड़े भाग्य से मिले देखिये,सभी बुजुर्गों का आशीष।


दादा -दादी नाना -नानी ,सब तुमको बतलायेंगे।
जब रूठोगे  दादा-दादी, तब तुमको बहलायेंगे।

 विनम्र रहें सब बच्चे  सीखें ,  सदा बड़े -बड़ो  से  सीख।
  बड़े भाग्य से मिले देखिये, सभी बुजुर्गों का आशीष।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर


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