हरिगीतिका छंद(दीपावली पर्व पर)
नव दीपिका दिव्य दीपिका मृद दीपिका हे ज्योतितं।
यम चौदसं,धनतेरसम,दीपावली, नव उत्सवम।
नव पावनी, उत्साह वर्धक रात्रिका हे मात्रिका।
नव शोभितं व्यापार कर्ता,पूजितं हे ज्योतिका।
हरि नाम जप,सुंदर सुखद, हे शिवसुतं,प्रणमामि मम।
कमलासना, सुख दायनी,धन वर्षिका,प्रणमामि मम।
जय हरि प्रिया, जय शिव प्रिया,गजदंत हे, प्रणमामि मम।
गण नायकं, बुद्धि नायकं,सिद्धि दायकम प्रणमामि मम।
नव भारतं, विजया दशम,वध रावणं, शुभ शोभितं।
पति जानकी ,साकेत पति,हे नायकं परिपूजितं।
कर नव विजय, श्री राम शरणम,जानकी पद पूजितम।
सुख संपदा, अर्जित करें शुभ कामना हो पूरितं।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY