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गण तंत्र
मनहरण घनाक्षरी,
मानते है जनतंत्र, धारते हैं गण तंत्र,
सबका है प्रजातंत्र, इसे श्रेष्ठ मानिये।
राजतंत्र वंश वादी,तानाशाही क्रूर शाही,
गणतंत्र गण वादी,इसे श्रेष्ठ जानिये।
राजतंत्र राजा हित,तानाशाही सत्ता हित,
जनतंत्र जनहित ,इसे श्रेष्ठ ठानिये।
गणतंत्र श्रेष्ठ तम, जन जन श्रेष्ठ सम,
राज धर्म श्रेष्ठ तम, इन्हे श्रेष्ठ मानिये।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर।
9450022526
सर्वाधिकार स्वरचित मौलिक रचना।
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