Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हरी भरी फसल है

 
हरी भरी फसल है,पकी पकी फसल है,
खड़ी खड़ी फसल है,अब काट लीजिए।

हंसिये पे धार कर , हंसिये का वार कर,
कटे फटे हाथ धर ,गाँठ बांध लीजिये।

 फसल  जो पक गयी, खड़ी खड़ी थक गयी,
बाली बाली जोह कर,खेत काट लीजिये।

काली मिट्टी सोना देती,सोने जैसा अन्न देती,
किसानों को रोजी देती,प्रेम मान लीजिये।

डॉ प्रवीणकुमार श्रीवास्तव, "प्रेम"
9450022526

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