मित्रों सादर समर्पित है,कह मुकरी।
जिससे लाली हो भरपूर
छाया हो जिसका पुर नूर
जिसकी चारो ओर लालिमा
क्या सखि सूरज,न सखि अरुणिमा।
जिसमें बसता जीवन सारा
सबकी आँखों का वो प्यारा
जिसकी चारों ओर सुकीर्ति
क्या सखि नारी न सखि कीर्ति।
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