मनहरण घनाक्षरी,
चन्द्र अर्ध्य देती देवी,निर्जला है व्रत देवी,
पति के चिरायु हेतु, करवा को कीजिये।
पूजा के विधान से वो, माता करवा पूजे जो।
सुख शान्ति घरों में हो,दुग्ध अर्ध्य दीजिये।
चलनी में चांद देख, पति मुख देख देख।
जल वो ग्रहण करे ,पति हाथ पीजिये।
भावना जब पूर्ण हो,कामना सम्पूर्ण हो,
करवा चौथ व्रत से,"प्रेम" फल लीजिये।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव," प्रेम"
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