Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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"राखी" (विधाता छंद)

 
"राखी" (विधाता छंद)

 चले आओ  पुकारे है ,बहन द्वारे खड़ी भैया।
मना मत कर बहन  राखी, लिए  द्वारे  खड़ी भैया।
अमिट विश्वास है मेरा , जतन  से  बाँध दो बंधन ।
बनाकर स्नेह का बंधन ,बहन द्वारे  खड़ी भैया।


 मनाती अब बहन त्योहार, राखी हाथ दे भैया।
बनाती खीर पूड़ी हूँ,जतन से साथ दे भैया।
सुनो! धागे बनाते हैं ,अडिग जो स्नेह का बंधन।
चले आओ पुकारे है ,बहन राखी  लिये भैया।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक,
संयुक्त जिला चिकित्सालय
बलरामपुर।
9450022526
मौलिक रचना।

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