सबरस का संगम हुआ, हिन्दू मुस्लिम संग।
गंगा जमुनी चित्र है, श्वेत हरित के रंग।
श्वेत हरित के रंग,ईद जैसे मन भाये।
मिलें सभी जन गले, दिलों से दिल मिल जाए ।
कह प्रवीण कविराय ,न्याय से मिलता हररस ।
हिंदू-मुस्लिम संग, संग से होता सब रस।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव।
वरिष्ठ परामर्श दाताजिला चिकित्सालय सीतापुर
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