मित्रों, सादर समर्पित है रुप माला छंद में चित्र चित्रण।
'राजभा'गा 'राजभा'गा ,'राजभा'गा राज
रगण×3पताका गुरु लघु।14+10=24।14,10पर यति।
फाइलुन ,फाइलुन, फाइलुन, फाइ।
साक्षर अभियान अब हो, वृक्ष वट की छाँव।
योग्य पढ-लिख कर बनें तब, हो सुखी यह गाँव।
ग्राम्य भारत ही बड़ा है, क्यों दुखी संसार।
गाँव से करते पलायन , सो रुका व्यापार।
गाँव चौरासी जगा है, बाँचता अखबार।
छाँव मे बैठक हुई है, गाँव भर बेकार।
नीतिगत चर्चा चुनावी, या अनैतिक संग।
देख पंचायत हुई या, राजनीतिक जंग।
पांव में छाले पड़े हों, या बढ़ी हो रार।
छाँव में वटवृक्ष की ये, सब पढ़ें अखबार।
साथ ये बैठक करें मिल, है यहाँ चौपाल।
पंच मिल निर्णय करें जब, दूर हो जंजाल।
--डॉ० प्रवीण कुमार श्रीवास्तव "प्रेम" जिला चिक्तिसालय सीतापुर।
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY