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श्रद्धांजलि दिनेश जी की सर्वप्रिय कुंडलिया

 
श्रद्धांजलि
दिनेश जी की सर्वप्रिय कुंडलिया

राही जी ने जगत में, लिखा अनूठा छंद।
काव्य जगत करता नमन, कर कविता को बंद।
कर कविता को बंद, सुमन बिखरे है सारे।
करते अर्पित तुम्हे,हैं श्रद्धा सुमन हमारे।
कहें प्रेम कवि राय,  हमारे प्रिय हमराही।
काव्य जगत का कथन,सफल दिनेश जी राही।
श्रद्धांजलि
द्वारा डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,  ," प्रेम"

राही कविता छोड़ कर,जोड़ गये जो तार।
निज भाषा उन्नति अहो,कहते बारंबार।
कहते बारंबार, हिंदी सभा है सूनी।
लिख कुंडलिया छंद, अमर यादें है दूनी।
कहें प्रेम कवि राय, विकल  कविजन हैं भारी।
ये  दुनिया को छोड़,  अमर दिनेश जी राही।

श्रद्धांजलि
 कविवर दिनेश मिश्र राही को श्रद्धांजलि स्वरुप।

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