Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

वेलेंटाइन दिवस पर

 

वेलेंटाइन दिवस पर

प्रेम पुजारी आप का, मिले आप से नैन।
हृदय समर्पित आपको ,सजल नयन बेचैन।
चंचल नैना बावरे, पल-पल देखें राह।
मान सरोवर झील सी,आँखों में हो रैन।

नींद चुराई आपने ,नैन चुराये चैन।
चंचल चितवन आपकी ,अंतर है बेचैन।
 अंतर्मन में पीर है, ,पीर न समझे कोय।
मन का आपा खो रहे, श्याम सलोने सैन।

मन को धन से जीत ले , धन की ऐसी चाह।
धन से प्रीतम ना  निभे,प्रीति प्यार की राह।
 सौदा इनका ना करो,  प्रीति, रीति, विश्वास,
 प्रीति निभा कर हो भला, जीतो मन की थाह।

रोज रोज मिलता नहीं, वेलेंटाइन प्यार।
 कहाँ रोज  मिलता सदा, वैलेंटाइन यार।
रहें मनाते रोज डे, ,मिलें गुलाबी फूल । 
अंतर्मन ऐसे मिलें, भूल रार का सार ।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
स्वरचित, सर्वाधिकार सुरक्षित।


Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ