डमरु घनाक्षरी
वन -वन चहकत, वन -वन महकत
बरबस बहकत,चहक -चहक कर।
चहल -पहल चल, कसक -मसक चल।
लह -लह लहकत , फसल नजर कर।
सरल सहज वन, वन- वन उपवन।
डगर -डगर वन,,तड़ -तड़ पतझड़।
पढ़ बढ़ बचपन, सहज -सहज मन
कलम -अलम पर,सहमत सब जन।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर
9450022526
स्वरचित ,सर्वाधिकार मौलिक रचना।
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