Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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वन -वन चहकत

 
डमरु घनाक्षरी
वन -वन चहकत, वन -वन महकत
बरबस बहकत,चहक -चहक कर।

चहल -पहल चल,  कसक -मसक चल। 
लह -लह लहकत  , फसल नजर कर।

सरल सहज वन, वन- वन  उपवन।
डगर -डगर वन,,तड़ -तड़ पतझड़।

पढ़ बढ़ बचपन, सहज -सहज मन
कलम -अलम पर,सहमत सब जन।

डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष
जिला चिकित्सालय, सीतापुर
9450022526

स्वरचित ,सर्वाधिकार मौलिक रचना।


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