सवर्णों को 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का विरोध करें!
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राजस्थान विधानसभा के सभी सम्माननीय अजा, अजजा एवं ओबीसी के विधायकों को जनहित में सोशल मीडिया के माध्यम से अवगत करवाया जाता है कि—14 मार्च, 2015 को मैंने ''सावधान आर्यों की साजिश : 12 % आर्यों की 1 % गरीब आबादी को 14 % आरक्षण!'' शीर्षक से आगाह किया था, लेकिन दु:ख का विषय है कि आप में से किसी को भी आर्यों को आरक्षण का दुष्चक्र समझ नहीं आया। या आप सभी सवर्ण समर्थक सरकार के दबाव में हैं। जिसका दु:खद दुष्परिणाम यह है कि राजस्थान सरकार के मंत्रीमंडल ने दिनांक : 08.09.2015 को 1 फीसदी गरीब सवर्ण आबादी को आर्थिक आधार पर 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश कर पारित करना प्रस्तावित है।
अत: आप अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायकों को फिर से सार्वजनिक रूप से अवगत करवाया जा रहा है कि 'हक रक्षक दल सामाजिक संगठन' आर्थिक आधार पर सवर्ण वर्गों को 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के असंवैधानिक प्रस्ताव का कड़ा विरोध करता है। आप सभी अजा, अजजा एवं ओबीसी के जन प्रतिनिधि हैं, इस कारण आपको इस असंवैधानिक विधेयक का कड़ा विरोध करके इसे पारित नहीं होने देना चाहिये। जिसके निम्न न्यायसंगत कारण हैं :—
1-भारत में सवर्णों (आर्यों) की अधिकतम कुल आबादी करीब 10 से 12 फीसदी है, जिसमें से बमुश्किल कोई 01 फीसदी ग़रीब होंगे।
2-जिन आर्यों की देश में अधिकतम कुल 12 फीसदी आबादी बताई जाती है, वे अपनी 01 फीसदी गरीब आबादी के कथित संरक्षण के बहाने 14 फीसदी संवैधानिक पदों, सरकारी सेवाओं और शिक्षण संस्थानों पर अ-संवैधानिक कब्जा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
3-देश के सभी वर्गों में समानता स्थापित करने के मकसद से संविधान की सामाजिक न्याय की अवधारणा के अनुसार केवल उन वंचित वर्गों को आरक्षण प्रदान किया जा सकता है, जिनका राज्य सत्ता और प्रशासन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं हो, जबकि भारत की राज्य सत्ता और प्रशासन में तो सर्वत्र केवल और केवल आर्य—सवर्णों का ही सम्पूर्ण और एकछत्र कब्जा है। आर्य—सवर्णों ने तो अन्य वर्गों के हकों पर भी कब्जा जमाया हुआ है। इसलिये उनको आरक्षण प्रदान करने की कोई संवैधानिक आवश्यकता नहीं है।
4-अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को उनकी कुल आबादी के बराबर आरक्षण प्रदान करने के प्रस्ताव/सवाल पर मनुवादी सुप्रीम कोर्ट यह कहकर रोक लगा देता है कि ओबीसी की जनसंख्या के वास्तविक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। जबकि गरीब सवर्णों को आंकड़े उपलब्ध नहीं होने पर भी 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया जा चुका है।
5-इसी प्रकार अजा एवं अजजा वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण प्रदान किये जाने की संवैधानिक मांग/सवाल पर इस सरकार द्वारा इस कारण ध्यान नहीं दिया जाता, क्योंकि सत्ता पर काबिज आर्यों का कहना है कि न्यायपालिका द्वारा पचास फीसदी से अधिक आरक्षण प्रदान करने पर रोक लगा रखी है।
6-ऐसे में सबसे पहला सवाल तो ये है कि सरकार द्वार भारत की जनसंख्या की जातिगत आधार पर निष्पक्ष जनगणना करवाकर जनसंख्या के आंकड़े तत्काल प्रभाव से प्रत्येक जातिवार सार्वजनिक क्यों नहीं किये जाते? जिससे सभी जातियों की वास्तविक जनसंख्या सामने आ सके।
7. अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायकों को उक्त विधेयक का विधानसभा में इस कारण विरोध करना चाहिये कि सरकार का पहला संवैधानिक दायित्व है कि सबसे पहले ओबीसी, अजा एवं अजजा वर्गों को उनकी नवीनतम जनसंख्या अनुपात में सभी क्षेत्रों में आरक्षण प्रदान किया जाना संवैधानिक जरूरत है। इसके बाद सभी वर्गों को प्रदान आरक्षण का 100 फीसदी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। सरकार की यह संवैधानिक जिम्मेदारी पूर्ण होने से पहले सवर्णों को आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव वंचित वर्गों के साथ अन्याय है।
8. आप सभी विधायकों को ज्ञात होना चाहिये कि सवर्ण गरीबों के नाम पर देश के 12 फीसदी आर्य लोग, 14 फीसदी आरक्षण पाने का असंवैधानिक और घिनौना षड्यंत्र रच रहे हैं। जिसकी हक रक्षक दल सामाजिक संगठन कड़े शब्दों में निंदा और भर्त्सना करता है। हर इंसाफ पसन्द और संविधान में विश्वास करने वाले व्यक्ति को इस असंवैधानिक प्रस्ताव का कड़ा विरोध करना चाहिये।
9. हक रक्षक दल सामाजिक संगठन के लाखों समर्थकों की मांग है कि आप अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायक दलगत भावना से ऊपर उठकर राजस्थान विधानसभा में एकजुट होकर सवर्ण—आर्यों की इस असंवैधानिक साजिश का कडा विरोध करें और वंचित अजा, अजजा एवं ओबीसी वर्गों के संवैधानिक हितों की रक्षा करें।
10. आगामी विधानसभा सत्र में उक्त विधेयक को पेश किये जाते समय यदि आप सब चुप रहे और उक्त असंवैधानिक विधेयक पारित हो गया तो सवर्ण—आर्यों की 01 फीसदी कथित गरीब आबादी को 14 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के बहाने 14 फीसदी संवैधानिक पदों अवैध कब्जा जमाया जायेगा और सभी शिक्षण संस्थानों और सरकारी सेवाओं में वंचित वर्गों के हकों को छीना जायेगा। जिसके लिये सीधे—सीधे आप सभी अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायक जिम्मेदार होंगे।
11. हक रक्षक दल सामाजिक संगठन द्वारा आप सभी अजा, अजजा एवं ओबीसी के सभी विधायकों को सार्वजनिक रूप से अवगत करवाया जाता है कि यदि आप उक्त असंवैधानिक और मनमाने विधेयक का विधानसभा में विरोध नहीं करेंगे और यदि यह विधेयक पारित हो गया तो 'हक रक्षक दल सामाजिक संगठन' आप सभी के निर्वाचन क्षेत्र में जाकर, आपके मतदाताओं को अवगत करवायेगा कि आपने वंचित वर्गों के संवैधानिक हकों की परवाह नहीं हैं। इस कारण भविष्य में आपको कभी भी विधानसभा में नहीं चुना जावे।
आशा है कि आप अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे।
-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा
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