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Dr. Srimati Tara Singh
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जेहनी जहरखुरानी

 

बस या रेल-यात्रा के दौरान जब कोई अनजान व्यक्ति लुभावनी और मीठी-मीठी बातें करके आत्मीयता दर्शाये और खाने-पीने में बेहोशी या नशे का पदार्थ मिलाकर आपका सब कुछ लूट ले तो इसे 'जहरखुरानी' कहा जाता है। जिसके लिये दोषी व्यक्ति के विरुद्ध पुलिस द्वारा दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है।

 

 

इसके विपरीत जब कोई चतुर-चालाक व्यक्ति, राजनेता, ढोंगी संत, कथित समाज उद्धारक और, या इनके अंधभक्त झूठे-सच्चे और मनगढंथ किस्से-कहानियों, लच्छेदार भाषण, लुभावने नारे तथा सम्मोहक जुमलों के जरिये आम सभाओं या कैडर-कैम्पस में भोले-भाले लोगों को कुछ समय के लिये या जीवनभर के लिये दिमांगी तौर पर सम्मोहित या गुमराह करके उनका मत और समर्थन हासिल कर लें तो इसे मैं डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' 'जेहनी जहरखुरानी' या दिमांगी बेहोशी का अपराध मानता हूं।

 

 

यह जहरखुरानी से भी अधिक गम्भीर अपराध है। मगर इसके लिये कानून में कोई सजा मुकर्रर नहीं है। अत: सबसे पहले इस जेहनी जहरखुरानी से बचें-बचायें। द्वितीय यदि सच बोलने की हिम्मत हो तो और जेहनी जहरखुरानी के अपराधियों को सजा दिलवाने के लिये दण्डात्मक कानूनी प्रावधान बनाने की मांग करें।

 

 

 

-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

 

 

 

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