फिर गुलाब खिल उठा
न धरती की गोद
न अंबर का साया
तूफानों से लड़ने
युग निर्माता बनने
फिर गुलाब खिल उठा।
फिर गुलाब खिल उठा...
डॉ.राजश्री मोकाशी
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फिर गुलाब खिल उठा
न धरती की गोद
न अंबर का साया
तूफानों से लड़ने
युग निर्माता बनने
फिर गुलाब खिल उठा।
फिर गुलाब खिल उठा...
डॉ.राजश्री मोकाशी
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